Maha Shivratri की जानकारी हिंदी में. प्रति वर्ष 12 शिवरात्रि आती है लेकिन महाशिवरात्रि वर्ष भर इंतज़ार करने के बाद एक बार आती है। हिन्दुओ के प्रमुख त्यौहार महाशिवरात्रि का पुराणों में बहुत महत्वपूर्ण बतया गया है।
आखिर क्यों मानते है शिवरात्रि? इसके बारे में अलग अलग कथाये प्रचलित है। वेद पुराण को पढने पर इस त्यौहार को मानाने का सही कारण पता चलता है।
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महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
शिवरात्रि (Shivratri) मनाने के पीछे कई कथाये प्रचलित है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। माना जाता है कि सृष्टि की रचना इसी दिन हुई थी। इस दिन सृष्टि का आरम्भ महादेव का विशालकाय स्वरूप अग्निलिंग के उदय से हुआ था। शिव का ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में प्रकट हुआ था।
ये एक ऐसा शिवलिंग जिसका न तो आदि था और न अंत था। इस अग्निलिंग का पता लगाने भगवान ब्रह्माजी हंस के रूप में अग्निलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे पर वो सफल नहीं हो पाए। भगवान विष्णु भी शिवलिंग के आधार को ढूंढ रहे थे उन्हें भी आधार नहीं मिला।
पोराणिक कथाओ के अनुसार इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था, इसलिए महाशिवरात्रि को शिव और शक्ति की मिलन की रात भी माना जाता है।
महाशिवरात्रि कब मानते है?
हिन्दू कलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि फरवरी मार्च के महीने में आता है।
महाशिवरात्रि कैसे मनाया जाता है?
भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है। महाशिवरात्रि को पूरी रात मंदिरों में जागरण करा जाता है, भजन नाच गाने का प्रोग्राम होता है।
भक्त बह्गावान की भक्ति में पूरी रात झूमते नाचते गाते है। मंदिरों में दिन भर शिव जी की पूजा के साथ जलाभिषेक होता है। पुरे भारत में जहा जहा शिव मंदिर है वहा इस दिन मेला लगता है।
महाशिवरात्रि में पूजा कैसे करते है?
सबसे पहले भक्त स्वच्छ जल से स्नान करके साफ कपड़े पहन कर मंदिर जाते है। वहा वो पूजा अर्चना के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते है। जलाभिषेक भक्त अपने साथ बर्तन में लाये पानी से करते है और दुग्धाभिषेक साथ लाये दूध से करते है।
कुछ लोग शिव लिंग का पानी, दूध और शहद साथ मिलाकर अभिषेक करते है। अभिषेक के बाद सिंदूर का पेस्ट शिव लिंग को लगाया जाता है। बेर या बेल के पत्ते शिवलिंग पर रखते है। फुल चड़ाकर और दीपक, अगरबत्ती जलाकर हाथ जोड़कर प्रार्थना करते है। इसके बाद भक्त पुरे मंदिर के चक्कर लगाते हुए भगवान शिव के जयकारे लगाते है।
इस बार 2021 में शिवरात्रि का त्यौहार 11 मार्च को मनाया जायेगा। उम्मीद करते है यहाँ दी गयी जानकारी पढने के बाद आप जान गए होंगे की आखिर महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है।
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Jagrokbharat
Very very nice post bhai keep sharing.